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देवउठनी एकादशी तुलसी विवाह =^=^=^=^=^==^=^=^=^=

31 अक्टूबर 2017 देवउठनी एकादशी पर्व है। इस दिन कैसे करें घर में तुलसी जी का विवाह, आइए जानें…
🌿🌿शाम के समय सारा परिवार इसी तरह तैयार हो जैसे विवाह समारोह के लिए होते हैं।
🌿🌿तुलसी का पौधा एक पटिये पर आंगन, छत या पूजा घर में बिलकुल बीच में रखें।
🌿🌿तुलसी के गमले के ऊपर गन्ने का मंडप सजाएं।
🌿🌿तुलसी देवी पर समस्त सुहाग सामग्री के साथ लाल चुनरी चढ़ाएं। 🌿🌿गमले में सालिग्राम जी रखें।
🌿🌿सालिग्राम जी पर चावल नहीं चढ़ते हैं। उन पर तिल चढ़ाई जा सकती है।
🌿🌿तुलसी और सालिग्राम जी पर दूध में भीगी हल्दी लगाएं।
🌿🌿गन्ने के मंडप पर भी हल्दी का लेप करें और उसकी पूजन करें।
🌿🌿अगर हिंदू धर्म में विवाह के समय बोला जाने वाला मंगलाष्टक आता है तो वह अवश्य करें।
🌿🌿 देव प्रबोधिनी एकादशी से कुछ वस्तुएं खाना आरंभ किया जाता है। अत: भाजी, मूली़ बेर और आंवला जैसी सामग्री बाजार में पूजन में चढ़ाने के लिए मिलती है वह लेकर आएं।
🌿🌿कपूर से आरती करें। (नमो नमो तुलजा महारानी, नमो नमो हरि की पटरानी)
🌿🌿प्रसाद चढ़ाएं।
🌿🌿11 बार तुलसी जी की परिक्रमा करें।
🌿🌿प्रसाद को मुख्य आहार के साथ ग्रहण करें।
🌿🌿प्रसाद वितरण अवश्य करें।
🌿🌿पूजा समाप्ति पर घर के सभी सदस्य चारों तरफ से पटिए को उठा कर भगवान विष्णु से जागने का आह्वान करें-उठो देव सांवरा, भाजी, बोर आंवला, गन्ना की झोपड़ी में, शंकर जी की यात्रा।
🌿🌿 इस लोक आह्वान का भोला सा भावार्थ है – हे सांवले सलोने देव, भाजी, बोर, आंवला चढ़ाने के साथ हम चाहते हैं कि आप जाग्रत हों, सृष्टि का कार्यभार संभालें और शंकर जी को पुन: अपनी यात्रा की अनुमति दें।