इस बार ‘ब्लड मून’, ‘सुपरमून’ और ‘ब्लूमून’ एक ही रात में दिखेंगे. इसलिए इस बार के चंद्रग्रहण को ‘सुपर ब्लड ब्लू मून’ कहा जा रहा है.
सूतक काल बुधवार सुबह 07 बजकर 07 मिनट पर शुरू होकर रात 08 बजकर 41 मिनट पर खत्म हो जाएगा।
ज़रूरत हैं की आप कुछ विशेष बातो का ध्यान रखे ।
सूतक काल के दौरान भगवान की मूर्ति को स्पर्श ना करें । चंद्र ग्रहण के दिन देवी-देवताओं के दर्शन करना शुभ नहीं माना जाता।
इस दौरान गर्भवती महिलाओ को पापड़ सेकना, सब्जी काटना आदि कार्यों से परहेज करना चाहिए।
हर किसी को प्रसन्नचित्त रहना चाहिए। पर्व काल के दौरान भोजन पकाना, भोजन करना, सोना नहीं चाहिए।
ग्रहण प्रारंभ होने के पूर्व खान पान की चीज़ो में कुश या तुलसी डाल देनी चाहिए जिससे कि ये खाद्य पदार्थ दूषित ना हो। इस दौरान सीना-पिरोना, सब्जी काटना, आदि से बचना चाहिए।
कहा जाता है इस दौरान तेज धार वाले हथियारों से दूर रहे ।
ग्रहण काल के दौरान भगवान शिव का ध्यान करें। ये तो सभी भगत जानते हैं की चाँद भगवान शिव के केशों में स्थित है इसलिए उन्हें चंद्रशेखरा भी कहा जाता है पर ये बात ध्यान देने वाली है की चंद्र ग्रहण के समय ओम नमः शिवाय का जाप करने से या शिव जी का ध्यान करने से ग्रहण का कोई प्रभाव आपके जीवन पे नहीं होगा ।
ग्रहण खत्म हो जाने के बाद स्नान करें । अगर आप स्नान नहीं कर सकते हैं तो हाथ पैर धोकर वस्त्र बदलकर भोजन करें। ग्रहण की रात या उसकी अगली सुबह गरीबों को अनाज ज़रूर दान करें।